१ और २ शमूएल की पुस्तकें (Hindi 1 & 2 Samuel)
१ और २ शमूएल की पुस्तकें इस्राएल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कालखंड को दर्शाती हैं, जिसमें न्यायियों के युग से राजशाही की स्थापना तक की घटनाएँ शामिल हैं। ये पुस्तकें शमूएल, शाऊल और दाऊद के जीवन और सेवकाई पर केंद्रित हैं, जो परमेश्वर की संप्रभुता, नेतृत्व और प्रतिज्ञाओं को प्रकट करती हैं।
यह अध्ययन कार्यक्रम इन पुस्तकों के प्रमुख विषयों जैसे परमेश्वर की बुलाहट, आज्ञाकारिता, विश्वास और नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित करता है। हम देखेंगे कि कैसे शमूएल परमेश्वर का नबी बना, कैसे शाऊल ने अपने अविश्वास के कारण अपना राज्य खो दिया, और कैसे दाऊद को परमेश्वर ने इस्राएल का राजा बनाया। यह अध्ययन हमें परमेश्वर के चरित्र और उसकी योजनाओं को समझने में मदद करेगा।
इस कार्यक्रम के माध्यम से हम यह भी सीखेंगे कि परमेश्वर अपने चुने हुए लोगों को कैसे तैयार करता है और कैसे वह अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्हें मार्गदर्शन देता है। दाऊद का जीवन हमें यह सिखाता है कि परमेश्वर हमारे दिल को देखता है और सच्ची निष्ठा को महत्व देता है, भले ही हम गलतियाँ करें।
यदि आप १ और २ शमूएल की पुस्तकों को गहराई से समझना चाहते हैं और इसे अपने जीवन में लागू करना चाहते हैं, तो यह अध्ययन कार्यक्रम आपके लिए उपयुक्त है। आइए, परमेश्वर के वचन के माध्यम से उसके नेतृत्व, न्याय और अनुग्रह को और अधिक जानने का प्रयास करें।